नारायण पण्डित - गणितकौमुदी -पान ३८०
भद्रगणितम् - २४।
पूर्वोक्तप्रथमोदाहरणे फलम् २६० । अत्र जातावाद्युत्तरौ १।१ यथोक्तकरणेन
जातमष्टभद्रम् ।
द्वितीयोदाहरणे प्राग्वज्जातावाद्युत्तरौ, आ ३७/२
उ१ यतौक्तकरणेन जातमष्टभद्रम् ।
३७।९९।१३३।१२१।३९।९७।१३५।१२९
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
६७।६९।१६३।१०१।६५।२१।१६१।१२३
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
१४६।११५।५३।८३।१५१।११३।५५।८१
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
४३।९३।१३९।१२५।४१।९५।१३७।१२७
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
१४१।१२३।४५।९१।१४३।१२१।४७।८९
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
६१।६५।१५७।१०७।६३।७३।१५९।१०५
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
१५५।१०९।५९।७७।१५३।१०१।५७।७९
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
भद्रगणितम् - २४।
Ref: http://sanskritdeepika.org/sandharb-sahitya ( http://tinyurl.com/yct7t3rs)
पूर्वोक्तप्रथमोदाहरणे फलम् २६० । अत्र जातावाद्युत्तरौ १।१ यथोक्तकरणेन
जातमष्टभद्रम् ।
१।३२।४९।५८। २।३१।५०।४७
५६।४१।८।२५। ५५।४२।७।२६
१५।१७।६४।३३। ११।१८।६३।३४
५७।४०।९।२४। ५८।३९।१०।२३
४।२९।५२।४५। ३।३०।५१।४६।
५३।४४।५।२८। ५४।४३।९।२७
१३।२०।६१।३६। १४।१९।६२।३५
६०।३७।१२।२१। ५९।३८।११।२२
द्वितीयोदाहरणे प्राग्वज्जातावाद्युत्तरौ, आ ३७/२
उ१ यतौक्तकरणेन जातमष्टभद्रम् ।
३७।९९।१३३।१२१।३९।९७।१३५।१२९
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
६७।६९।१६३।१०१।६५।२१।१६१।१२३
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
१४६।११५।५३।८३।१५१।११३।५५।८१
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
४३।९३।१३९।१२५।४१।९५।१३७।१२७
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
१४१।१२३।४५।९१।१४३।१२१।४७।८९
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
६१।६५।१५७।१०७।६३।७३।१५९।१०५
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
१५५।१०९।५९।७७।१५३।१०१।५७।७९
-------------------
२।२।२।२।२।२।२।२
------------------
No comments:
Post a Comment