Thursday, July 11, 2013

अकौंटिंग भाग १० - डिप्रिसिएशन

फिक्स्ड असेट याचा अर्थ कायमची मालमत्ता. मात्र या मालमत्तेची खरेदीच्या वेळची किंमत व सद्य़स्थितीतील किंमत यात फरक पडतो. उद्योग वा व्यवसायाने काही यंत्रसामुग्री विकत घेऊन उत्पादन सुरू केले असेल तर त्या यंत्रमामुग्रीची किंमत फिक्स्ड असेट धरली जाते. मात्र कालांतराने यंत्राची झीज झाल्याने  वा अन्य काही कारणांमुळे त्याची कार्यक्षमता व किंमत कमी होते अशावेळी फिक्स्ड असेटच्या मूल्यमापनात त्याप्रमाणे दुरुस्ती करणे आवश्यक ठरते. यालाच डिप्रिसिएशन असे म्हणतात. यंत्राची किंमत  त्याच्या संकल्पित उपयुक्त आयुष्यमाना( service life)  नंतर शून्य होते असे गृहीत धरून वार्षिक  डिप्रिसिएशन रेट ठरवि्ला जातो.
असेटच्या  बुक ऑफ अकौंटमध्ये त्याप्रमाणे दरवर्षी डिप्रिसिएशन वजा करून त्याची बुक व्हॅल्यु काढली जाते.
समजा यंत्राची किंमत ६००० रुपये व त्याचे आयुष्य तीन वर्षे आहे तर  असेटबुक मध्ये त्याची किंमत  दरवर्षी २००० रुपयांनी  कमी होईल ती खालीलप्रमाणे दाखविता येईल
 पहिले वर्ष: ६००० रु., दुसरे वर्ष: ४०००रु., तिसरे वर्ष: २०००रु., त्यानंतर शून्य रुपये.
 आता या तीन वर्षात दरवर्षी खरेदी ५००रु. व  विक्री ३५००रु. झाली असे मानले तर अकौंटिंग स्टेटमेंट खालीलप्रकारे लिहिता येईल
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वर्ष               १          २           ३
विक्री            ३५००       ३५००        ३५००
खरेदी             ५००        ५००         ५००
यंत्र खरेदी(असेट)    ६०००         -           -
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नेट प्रॉफिट        -३०००      ३०००         ३०००
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वरीलप्रमाणे अकौंट लिहिल्यास दरवर्षी ३००० रु. मिळकत असली तरी पहिल्या वर्षी ३०००रु. तोटा व पुढील दोन वर्षी तीन तीन हजार फायदा दिसेल मात्र त्यावेळी पहिल्या वर्षी विकत घेतलेल्या यंत्राचा पुढील दोन वर्षे फुकट वापर झाल्याचे दाखवावे लागेल. यापेक्षा यंत्राची रक्कम डिप्रिसिएशन धरून तीन वर्षात विभागली तर उत्पन्नाचे स्टेटमेंट असे लिहिता येईल
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वर्ष               १          २           ३
विक्री            ३५००       ३५००        ३५००
खरेदी             ५००        ५००         ५००
यंत्र खरेदी(असेट)   २०००       २०००         २०००
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नेट प्रॉफिट        १०००      १०००         १०००
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या स्टेटमेंटच्या आधारे बॅलन्सशीटमध्ये असेट व डिप्रिसिएशनची मांडणी खालीलप्रमाणे करता येईल.
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वर्ष               १          २           ३
यंत्र खरेदी(असेट)   २०००       २०००         २०००
एकूण डिप्रिसिएशन २०००      ४०००          ६०००
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असेट्बुकव्हॅल्यू      ४०००      २०००         ०
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प्रत्येक वर्षी डिप्रिसिएशनची रक्कम एकूण डिप्रिसिएशन खात्यात मिळविली जाते.
डिप्रिसिएशनची नोंद अकौंटिंगमध्ये खालील प्रकारे केली जाते
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डेबिट    डिप्रिसिएशन एक्स्पेन्स खाते ( इन्कम स्टेटमेंट)
  क्रेडिट   एकूण डिप्रिसिएशन खाते ( बॅलन्सशीटसाठी)
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वरील उदाहरणाच्या  इन्कम व बॅलन्सशीटमध्ये नोंदी खाली दाखविल्याप्रमाणे करता येतील
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        डिप्रिसिएशन एक्स्पेन्स खाते
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                         डेबिट       क्रेडिट
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१  एकूण डिप्रिसिएशन खाते   २०००
    इन्कम स्टेटमेंट                   २०००
१  एकूण डिप्रिसिएशन खाते   २०००
    इन्कम स्टेटमेंट                   २०००
१  एकूण डिप्रिसिएशन खाते   २०००
    इन्कम स्टेटमेंट                   २०००
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प्रत्येक वर्षी फिक्स्ड असेटमधून एकूण डिप्रिसिएशन खात्याची रक्कम वजा करून नेट बुक व्व्हॅल्यू काढली जाते व त्याची नोंद बॅलन्सशीटमध्ये फिक्स्ड असेट म्हणून केली जाते.
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